माया ऑपरेटिंग सिस्टम (Maya Operating System)
भारत का रक्षा मंत्रालय स्वदेशी रूप से विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम, माया ओएस (Maya OS) पेश करके अपनी साइबर सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
माया ओएस (Maya OS)
माया ओएस साइबर हमलों के खिलाफ अपने कंप्यूटर सिस्टम को मजबूत करने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया एक अभिनव ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह मुफ़्त में उपलब्ध सॉफ़्टवेयर का उपयोग करते हुए ओपन-सोर्स उबंटू प्लेटफ़ॉर्म (Ubuntu platform) पर बेस्ड है। विशेष रूप से, माया ओएस का लक्ष्य विंडोज़ ओएस के इंटरफ़ेस और कार्यात्मकताओं को दोहराना है, जो मजबूत साइबर सुरक्षा प्रदान करते हुए उपयोगकर्ताओं के लिए एक सहज संक्रमण सुनिश्चित करता है।
चक्रव्यूह: खतरों से बचाव
माया ओएस में चक्रव्यूह नाम की एक सुविधा है, जो एक एंड-पॉइंट एंटी-मैलवेयर और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर है। यह यूजर्स और इंटरनेट के बीच एक सुरक्षात्मक परत के रूप में कार्य करता है, जो हैकर्स के संवेदनशील डेटा तक पहुंचने के प्रयासों को विफल कर देता है। रक्षा मंत्रालय के रणनीतिक साइबर सुरक्षा दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में, माया ओएस को वर्ष के अंत तक सभी मंत्रालय के कंप्यूटरों पर लागू किया जाएगा।
माया ओएस की उत्पत्ति
माया ओएस का विकास 2021 में शुरू हुआ जब भारत को अपने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और रक्षा प्रणालियों को लक्षित करने वाले साइबर खतरों का सामना करना पड़ा। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ को स्वदेशी ओएस से बदलने का निर्णय इन चुनौतियों का जवाब था। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (C-DAC), राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञों के एक सहयोगात्मक प्रयास के परिणाम माया ओएस के निर्माण 30 में हुआ।
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14 अगस्त : विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त, 2021 को घोषणा की कि 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day) के रूप में मनाया जाएगा।
मुख्य बिंदु
ब्रिटिश शासन से मुक्ति के साथ ही भारत का विभाजन हुआ था और पाकिस्तान अस्तित्व में आया था। धर्म के आधार पर भारत के विभाजन के पश्चात बड़े पैमाने पर हिंसा की घटनाएँ हुई, जिसके कारण लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और असंख्य लोग हिंसा में मारे गये। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 ब्रिटिश संसद द्वारा पारित और अधिनियमित कानून था जिसने आधिकारिक तौर पर भारत की स्वतंत्रता घोषित की गयी थी। यूनाइटेड किंगडम की संसद ने यह अधिनियम पारित किया जिसने ब्रिटिश भारत को 2 अलग और स्वतंत्र देशों में विभाजित किया, भारत और पाकिस्तान। भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम के कानून को प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली द्वारा डिजाइन किया गया था क्योंकि भारतीय राजनीतिक दल ब्रिटिश सरकार से स्वतंत्र भारत सरकार और भारत के विभाजन के लिए सत्ता के हस्तांतरण पर सहमत थे। इस अधिनियम को 18 जुलाई, 1947 को शाही स्वीकृति मिली। लॉर्ड माउंटबेटन के साथ समझौता किया गया, जिसे 3 जून की योजना या माउंटबेटन योजना के रूप में जाना जाता था। भारत और पाकिस्तान के 2 नवगठित देश 1947 में 15 अगस्त से अस्तित्व में आए। पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को मनाता है जबकि भारत 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है।
परषोत्तम रूपाला ने गुजरात में ‘A-HELP’ कार्यक्रम शुरू किया
• केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला द्वारा गुजरात में समावेशी विकास के तहत पशुधन के लिए ‘A-HELP’ कार्यक्रम और बांझपन शिविर का शुभारंभ किया गया।
“A-HELP’ कार्यक्रम रोग नियंत्रण, पशु टैगिंग और पशुधन बीमा में योगदान देने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षित एजेंटों के रूप में शामिल करेगा।
इसे पशुधन जागृति अभियान के तहत शुरू किया गया था।
राष्ट्रपति ने सशस्त्र बल कर्मियों को 76 वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस 2023 की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बल कर्मियों को 76 वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दी है।
पुरस्कारों में चार कीर्ति चक्र (मरणोपरांत), पांच मरणोपरांत सहित 11 शौर्य चक्र, 52 सेना पदक (वीरता), तीन नाव सेना पदक (वीरता) और चार वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं।राष्ट्रपति ने सेना के लिए 30 मेंशन-इन- डिस्पैच को भी मंजूरी दे दी है।
भारत, 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा: SBI मुख्य अर्थशास्त्री
भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष के अनुसार, भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।
भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान में अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद पांचवें स्थान पर है।
• 2014 में, भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, और 2022 में यह यूनाइटेड किंगडम को पछाड़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।
केंद्र ने नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय कर दिया
नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी कर दिया गया है।
• नाम बदलने का निर्णय जून 2023 में NMML सोसाइटी की एक बैठक के दौरान लिया गया था।
संस्कृति मंत्रालय ने नाम बदलकर PM संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी करने का फैसला किया।
• इस फैसले की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जो सोसायटी के उपाध्यक्ष हैं ।
Russia Luna-25 Moon Mission Failed; लूना-25 दक्षिणी ध्रुव के पास क्रैश
लूना-25 मिशन हुआ क्रेश; जानें जानकारी
Russia’s Luna-25 Crashed: रूस द्वारा भेजे गए चंद्रमा पर Luna-25 मिशन चाँद की चाँद की सतह पर ही क्रैश हो चुका है. इसके कई कारण रूस ने बताएं है जिनमे वहां की स्पेश एजेंसी ने कहाँ की उनसे गलत पैरामीटर्स सेट हुए थे. इस वजह से Luna-25 गलत ऑर्बिट में गया और क्रैश हो गया. इस मिशन से संपर्क एजेंसी को संपर्क साधने में दिक्कत आई थी परन्तु उनके कई बार संपर्क साधने के प्रयास नाकाम रहें और कोई नतीजा नहीं निकला
रॉसकॉसमॉस, शुरुआती जांच के अनुसार Luna-25 अपनने असली पैरामीटर्स से अलग चल गया था. तय ऑर्बिट के बजाय दूसरी ऑर्बिट में चला गया जहां इसके कारण वह सीधे चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास जाकर क्रैश हो गया.
कब भेजा गया था लूना-25 चाँद पर; जानें
रूस स्पेस एजेंसी ने इस मिशन (Luna-25) को 11 अगस्त 2023 की सुबह 4:40 बजे अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया था. लॉन्चिंग सोयुज 2.1बी रॉकेट से किया था. इस मिशन को लूना-ग्लोब (Luna-Glob) मिशन कहा गया.
47 वर्ष बाद भेजा कोई मिशन
रूस स्पेस एजेंसी ने करीब 47 वर्ष बाद चाँद पर कोई मिशन भेजा था जिसका नाम Luna-25 है. 1976 के रूस ने लूना-24 मिशन के बाद से रूस ने वर्ष 2023 में लूना-25 चाँद ऑर्बिट तक भेजने की कोशिश की थी परन्तु यह नाकाम रही.
लूना 25 की ताकत
इस मिशन को रूस ने सोयुज रॉकेट से लॉन्चिंग की थी जोकि करीब 46.3 मीटर लंबा था एवं इसका व्यास 10.3 मीटर था और इसका वजन 313 टन था.
लैंडिंग की प्लानिंग
रूस ने योजना बनायीं थी की यह मिशन 21 या 22 अगस्त को चांद की सतह पर उतरेगा.
Luna-25 का उद्देश्य
31 किलोग्राम के वैज्ञानिक यंत्र इस मिशन में लगें थे जोकि सतह की 6 इंच खुदाई करके, पत्थर और मिट्टी का सैंपल जमा करता जिसकी सहायता से जमे हुए पानी की खोज हो सके.
Luna-25 में इस्तेमाल थे 9 साइंटिफिक पेलोड्स
ADRON-LR: चांद की सतह पर न्यूट्रॉन्स और गामा-रे का विश्लेषण करता.
THERMO-L: सतह पर गर्मी की जांच करता.
ARIES-L: वायुमंडल यानी एग्जोस्फेयर पर प्लाज्मा की जांच करता.
LASMA-LR: यह एक लेजर स्पेक्ट्रोमीटर है.
LIS-TV-RPM: खनिजों की जांच और तस्वीरों के लिए इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर था.
PmL: यह धूल और माइक्रो-मेटियोराइट्स की जांच करता.
STS-L: पैनारोमिक और लोकल इमेज लेता.
Laser Reflectometer: चांद की सतह पर रेंजिंग एक्सपेरीमेंट्स करता.
BUNI: लैंडर को पावर देगा और साइंस डेटा को जमा करेगा जिसे धरती पर भेजता.
रतन टाटा महाराष्ट्र उद्योग रत्न पुरस्कार से सम्मानित, सीएमएकनाथ शिंदे ने किया सम्मानित
टाटा समूह के चेयरमैन रहे रतन टाटा को महाराष्ट्र सरकार ने उद्योग रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। 19 अगस्त 2023 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रतन टाटा के आवास पर उन्हें पहला उद्योग रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। सीएम शिंदे ने कहा कि यह उद्योग रत्न पुरस्कार महाराष्ट्र सरकार द्वारा पहली बार शुरू किया गया है। रतन टाटा और टाटा ग्रुप का इस देश के प्रति योगदान बहुत बड़ा है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिए गए रत्न पुरूस्कार को स्वीकार करने के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं।
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने 28 जुलाई को महाराष्ट्र उद्योग रत्न पुरस्कार रतन टाटा को देने की घोषणा की थी। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बताया कि यह पुरस्कार महाराष्ट्र में काम करने वाले इंडस्ट्रियलिस्ट को दिया जाएगा। रतन टाटा ने वर्ष 1991 में टाटा ग्रुप की कमान संभाली थी। इसके बाद उन्होंने अपने कारोबारी फैसलों से टाटा समूह को कई बड़े बड़े देशों तक पहुंचा दिया। ऑटोमोबाइल के अलावा संचार,केमिकल सेक्टर में टाटा समूह का दखल बढ़ा। वह वर्ष 2012 तक टाटा सन्स के चेयरमैन रहे। रतन टाटा को वर्ष 2000 में पद्म भूषण और वर्ष 2008 में पद्म विभूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।